अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नर्सिंग कर्मचारियों सोमवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। वे कई मांगों पर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में नर्सों को भी इलाज के लिए लंबी तारीख मिलती है। बाहर इलाज करवाएं तो एम्स पैसे का भुगतना नहीं करता।
नर्सिंग कर्मचारी प्रहलाद कुमार यादव ने बताया कि एक नर्स कर्मचारी की पत्नी का एम्पनों प्लास्टिक कान की छोटी सी सर्जरी होनी थी, पर तारीख 2026 की मिली। हमारा उन्होंने कहा कि कर्मचारी स्वास्थ्य योजना के तहत 650 रुपये हर महीने कटते हैं। अगर बाहर अगर इलाज करवा लिया तो पैसा रियेंबर्स नहीं होता। एम्स की नर्सिंग एसोसिएशन के अनुसार उन्हें विशेष भत्ता, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और अस्पताल से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
यूनियन के महासचिव फमीर सीके के अनुसार कर्मचारी स्वास्थ्य योजना के तहत सिर्फ एम्स में ही इलाज कराने की छूट कर्मचारियों को मिलती है। 15 साल की सेवा के बाद ही रहने के लिए सरकारी क्वार्टर दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि इन मांगों को लंबे समय से उठाया जाता रहा है, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई है। इस वजह से उन्हें भूख हड़ताल का सहारा लेना पड़ रहा है।