सहरसा के रेल रनिंग रूम में कचरे से खाद तैयार करने वाली मशीन लगाई गई है। रेलवे द्वारा बहाल पुणे की एजेंसी के कर्मियों ने रविवार को सहरसा में ऑटोमेटिक कम्पोस्ट मशीन लगाकर टेस्ट किया।
सहरसा के अलावा समस्तीपुर, दरभंगा और जयनगर में भी ऑटोमेटिक कम्पोस्ट मशीन लगाया गया है। रक्सौल में इसी सप्ताह यह मशीन लगेगी। रेलवे इस मशीन के जरिए कचरा निस्तारण के साथ-साथ तैयार खाद को बेचकर अपनी आमदनी बढ़ाएगी। समस्तीपुर मंडल के इएनएचएम राजीव कुमार सिंह ने कहा कि सहरसा, समस्तीपुर, दरभंगा, जयनगर और रक्सौल स्टेशन पर ऑटोमेटिक कम्पोस्ट मशीन लगाने पर 20 लाख से अधिक राशि खर्च आई है। इसी सप्ताह अब रक्सौल में भी यह मशीन लग जाएगी। ऑटोमेटिक कम्पोस्ट मशीन में गीला कचरा को डालकर 24 घंटे तक रिसायकिल करते पांचों स्टेशन पर 25-25 किलो खाद तैयार किया जाएगा। उस खाद को रेलवे सात रुपये प्रति किलो की दर से लोगों को बेचेगी।
सात रुपये किलो खाद बेचेगी रेलवे
ईएनएचएम ने कहा कि रेलवे स्टेशन, ट्रेन, वाशिंग पिट और रेल परिसर से इकठ्ठा हुए गीला कचरा से तैयार खाद को लोगों की सुविधा के लिए रेलवे सात रुपये प्रति किलो की दर से खाद बेचेगी। जिसे कोई भी व्यक्ति खरीदकर खेत, बगीचे सहित पेड़ पौधे में डालने में उपयोग में ला सकेंगे। किसानों को राहत देने के लिए रेलवे ने खाद की कीमत बाजार दर से कम रखी है।
सहरसा में लगी कम्पोस्ट मशीन का एएमई ने किया निरीक्षण
एएमई दुर्गेश कुमार सिंह के निर्देश पर ऑटोमेटिक कम्पोस्ट मशीन सहरसा के रनिंग रूम में लगाई गई है। जिसका निरीक्षण करते एएमई ने देखा कि मशीन सही तरीके से काम कर रहा या नहीं। एएमई ने कहा कि कम्पोस्टिंग मशीन लगाने का मुख्य उद्देश्य रेल के गीले कचरे का निस्तारण करते यात्रियों और कर्मियों को गंदगी व उससे फैलती बदबू से निजात दिलाना है। कचरे को उपयोग में लाते खाद तैयार करना है।