सालों बाद छठ पूजा में अपने गाँव पहुंचे रविश कुमार, माथे पर दौड़ा उठाकर गए घाट पर

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वरिष्ठ पत्रकार इन दिनों छठ पूजा को लेकर अपने गाँव आये हुए हैं। अपने फेसबुक पोस्ट में फ़ोटो साझा करते हुए उन्होंने लिखा है कि

छठ में गाँव आया हूँ । घर के लोग मेरी परीक्षा ले रहे थे कि मैं दौरा उठाऊँगा की नहीं। नंगे पाँव चलूँगा कि नहीं। सबको ग़लत साबित कर दिया। कितनी निगाहों और इम्तहानों से मेरी ज़िंदगी गुज़रती है, ख़ुद को उन सबसे मुक्त रखता हूँ लेकिन नंगे पाँव चलकर लोगों की तकलीफ़ को महसूस किया और दौरा उठा कर उस भार को जी लिया जो सबके हिस्से आता है। लोक पर्व में लोक होना पड़ता है। बहुत आनंद आया।

वहीं उन्होंने दूसरे फेसबुक पोस्ट पर लिखा

सुनील कुमार सुमन मेरे ज़िला के हैं। मैं उनको ज़िला बुलाता हूँ। बोले हैं कि लंबा गैप कर आइयेगा तो यही होगा। कल से खड़े खड़े शरीर कचकड़ा हो गया है। इतना मिला हूँ इतना मिला हूँ कि पूछिए मत। बोलते बोलते मुँह झगा गया है। खूब प्यार मिला। अपने गाँव से और जवार से। मियाज हरिया गया है। किसी की दुआ बरस रही है। इसी में कौन बनेगा करोड़पति वाले सुशील चले आए। चंपा, हरसिंगार और पीपल का पौधा लेकर। सुशील इन दिनों अभियान चला रहे हैं। कई हज़ार घरों में पौधा लगा रहे हैं जो कल पेड़ बनेगा। मेरे लिए विशेष रूप से पीपल लेकर आए। उसका नंबर भी है। 252 नंबर का पीपल लगाया है। चंपा भी लगाया। हम तो बमहत्था हैं इसलिए खुरपी बायें हाथ में हैं। सुशील का शुक्रिया । उसने मुझे पेड़ लगाने का मौका दिया है। mantu kumar Sushil नाम से फेसबुक पेज है। इनका हौसला बढ़ाते रहिए।