नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि बिहार में युवाओं के लिए विस्फोटक स्थिति पैदा हो गयी है। नीतीश सरकार ने बिहार को बेरोज़गारी का मुख्य केंद्र बना दिया है। जिस तरह देश और बिहार में बेरोजगारी दर में लगातार वृद्धि हो रही है, उससे देश में अराजक ही नहीं, विस्फोटक स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्तारूढ़ दल युवाओं की बेरोजगारी में अपनी साम्प्रदायिक राजनीति के लिए सुअवसर देख रही है।
बयान जारी कर तेजस्वी ने कहा कि नीतीश सरकार आंकड़ो को छुपाने, उन्हें झुठलाने, कॉन्सपिरेसी थ्योरी गढ़ने और ध्यान भटकाने के षड्यंत्र करने में लगी है। इसके बजाए अगर युवाओं को नौकरी देने में लगाया जाए तब शायद युवाओं का कुछ भला हो पाए। वैसे सरकार की योग्यता, उनकी प्राथमिकताओं और अब तक के ट्रैक रिकॉर्ड से ऐसा संभव नहीं दिख रहा है। देश में बेरोजगारी दर 7.5 फीसदी तक पहुंच चुकी है। उच्च शिक्षितों में बेरोज़गारी 60 फीसदी तक पहुँच चुकी है। देश में विगत 45 वर्षों में सबसे अधिक बेरोज़गारी है। मंदिर-मस्जिद व हिंदू-मुसलमान से बड़ा मुद्दा नौकरी,शिक्षा-स्वास्थ्य और स्कूल-अस्पताल है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह विडंबना ही है कि जो केंद्र सरकार यह वादा करते हुए बनी थी कि हर वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोज़गार देगी, उसी सरकार ने देश के युवाओं को रोज़गार के मामले में 45 वर्षों का सबसे बुरा दौर दिखाया है। जिन युवाओं को रोज़गार के बूते सुनहरे भविष्य का सपना दिखाया गया, आज उन्हीं युवाओं को हिन्दू-मुसलमान, भारत-पाकिस्तान जैसे मुद्दों में उलझाया जा रहा है। एनडीए सरकार की आत्मघाती अर्थनीति के कारण भारत बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका से भी पिछड़ गया है।