अच्छी पहल! बिहार की जेलों में बंद महिला कैदियों के बच्चों के लिए खुलेगा प्ले स्कूल

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जेल में बंद महिला कैदियों के बच्चों के लिए प्ले स्कूल खुलेगा। बच्चों में बौद्धिक विकास के साथ-साथ मनोविज्ञान में बदलाव लाकर घर जैसा माहौल दिया जाएगा। उन्हें महसूस नहीं होने दिया जाएगा कि बच्चे जेल में बंद हैं। उनके लिए रहन-सहन, खेलकूद और पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी। जेल से बाहर पार्क में भी घुमाया जाएगा और बर्थ डे पार्टियां भी मनाई जाएंगी। सूबे के जेलों में करीब 164 बच्चे महिला कैदियों के साथ रह रहे हैं।

बच्चों के भविष्य संवारने के लिए कई योजनाएं तैयार
सूबे में भागलपुर और बक्सर जिले में महिला कारा है। दोनों जेल में सजायाफ्ता महिला कैदियों को रखा जाता है, लेकिन विचाराधीन कैदियों को जिले के काराओं में रखा जाता है। वहां पर काफी संख्या में महिला कैदियों के बच्चे रह रहे हैं। जेल में बंद बच्चों के बौद्धिक विकास में कमी पाई गई थी। जेल प्रशासन ने बच्चों के भविष्य संवारने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। इसी के तहत बच्चों को प्ले स्कूल में दाखिला कराया जाएगा।

शिक्षित महिला कैदियों को  जिम्मेदारी
महिला कक्षपालों और जेल में बंद शिक्षित महिला कैदियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। सुबह से शाम तक के लिए बच्चों का रूटीन तैयार किया गया है। समय-समय पर हेल्थ चेकअप भी किया जाएगा, ताकि बच्चे स्वस्थ रह सकें। बच्चों के भोजन और नाश्ते का मेन्यू भी तैयार किया गया है। उनके लिए दूध, अंडा, फल और हरी सब्जी अनिवार्य किया गया है।

बच्चों के लिए अलग से मिलेगी राशि
जेल में बंद बच्चों के लिए कारा मुख्यालय ने अलग से राशि का प्रावधान किया है। बच्चों के खेलने के लिए कई तरह के खिलौने, अक्षर ज्ञान के लिए फ्लैक्स लगाने, वार्ड में बनाए गए प्ले स्कूल की दीवार पर फल, फूल, जानवर व कार्टून की चित्रकारी कराई गई है। जेल प्रशासन के मुताबिक सूबे के जेल अधीक्षकों को सामान खरीद के लिए राशि उपल्बध कराई गई है। कई जेलों में सामान की खरीद की गई है। सभी का जन्म तिथि के अनुसार बर्थ डे मनाया जाएगा। जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा स्वयं कारा सुधार की योजनाओं की मॉनेटरिंग कर रहे हैं। कैदियों के बच्चों को सुरक्षा के बीच महिला कक्षपाल की सुरक्षा में पार्क में घुमाया जाएगा। कटिहार जेल में बच्चों को पार्क में घुमाया गया है।

रूपम पाठक को दी गई जिम्मेदारी
पूर्णिया विधायक की हत्या के आरोप में महिला कारा, भागलपुर में बंद रूपम पाठक को प्ले स्कूल की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई हैं। जेल में करीब 20 बच्चे महिला कैदी के साथ रह रही हैं। बच्चों के साथ खेलने और पढ़ाने के लिए दो महिला कक्षपाल को टीचर बनाया गया है। जेल अधिकारी ने कहा कि रूपम पाठक पूर्णिया में पहले स्कूल चलाती थीं। बच्चों को पढ़ाने और देखभाल की बेहतर समझ है। इसलिए रूपम पाठक का शिक्षक के रूप में चयन किया गया है।