पटना: 6 दिनों से चल रहे सफाईकर्मियों की हड़ताल समाप्त

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सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर दैनिक सफाई कर्मियों की हड़ताल शनिवार शाम समाप्त हो गई। राज्य सरकार और नगर निकाय के हडताली कर्मचारियों के बीच शनिवार को हुई वार्ता के बाद इसकी घोषणा की गई।

बता दें कि पिछले छह दिनों से चल रहे सफाईकर्मियों के हड़ताल के कारण पटना में बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं जहां कूड़े के ढेर में मरा हुआ जानवर न फेंका हो। इसके सड़ांध से इन रास्तों से निकलना दूभर हो गया है। लोग नाक पर रूमाल रखकर निकल रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत गृहिणियों और स्कूली बच्चों को हो रही है।

शुक्रवार को जिला कंट्रोल रूम में कई सड़कों पर मरे जानवर फेंके होने की सूचना आई। इनमें बुद्ध मार्ग, बेली रोड, बोरिंग कैनाल रोड, राजापुर-दीघा रोड, कंकडबाग सब्जी मंडी और टेम्पो स्टैंड  गोलंबर, कंकड़बाग, भूतनाथ रोड, कंकडबाग केंद्रीय विद्यालय के पीछे, पंचशिव मंदिर के सामने, सीडीए बिल्डिंग के पास, जमालरोड, वीणा सिनेमा हॉल के पास, गांधी मैदान उद्योग भवन के सामने, बाइपास, पत्रकारनगर, गर्दनीबाग, अनीसाबाद, निगम कार्यालय के सामने सब्जी मंडी आदि के इलाके शामिल हैं।

प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। नगर विकास विभाग प्रधान सचिव से निर्देश के बाद डीएम ने आउटसोर्सिंग के मजदूरों से सफाई शुरू करा दी है। पर वह नाकाफी है। पिछले पांच दिनों में करीब 3500 टन कूड़ा शहर की सड़कों पर जमा है। वहीं, नगर आयुक्त ने काम में लापरवाही करने वाले 12 स्थायी सफाई निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है।

अन्य शहरों में भी हाल बेहाल: उधर मधेपुरा, कटिहार, लखीसराय और मुंगेर जिले में नगर निकाय कर्मियों की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। लखीसराय में हड़ताली कर्मियों ने एजेंसी के सफाइकर्मियों पर कूड़ा-कचरा फेंककर सफाई करने से रोक दिया। मोतिहारी नगर परिषद के कर्मियों के शुक्रवार से हड़ताल पर चले जाने से सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। उधर, रक्सौल और समस्तीपुर में सफाईकर्मियों की हड़ताल जारी रहने से स्थिति नारकीय बन गई है।