बिहार में चुनाव नजदीक है ऐसे में अपनी खोई हुई राजनितिक जमीन वापस पाने के लिए बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद चुनावी तैयारियों में कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाह रही है. पिछले एक सप्ताह में राजद ने अपने सांगठनिक ढांचे में बदलाव करते हुए अधिकांश जिलाध्यक्षों की सूची भी जारी कर दी है. वहीं तेजस्वी की देख-रेख में बिहार राजद की प्रदेश कार्यकारिणी का भी एलान कर दिया गया है. बहुत ही कम समय में जिलाध्यक्षों और प्रदेश कार्यकारिणी की सूची को जारी करने के पीछे का मकसद बिहार चुनाव को लेकर तेजस्वी की प्रस्तावित बेरोजगारी हटाओ यात्रा है. जिसकी तैयारियों के तहत शुक्रवार को राजद पदाधिकारियों के साथ तेजस्वी ने बैठक भी की और सबको अलग-अलग टास्क भी सौंपा गया है
यह यात्रा पूरे बिहार भर में होने वाली है जो कि यात्रा 23 फरवरी से शुरू होगी. पटना के वेटनरी कॉलेज परिसर से शुरू होने वाली इस यात्रा के लिए हाईटेक रथ बनकर तैयार है, जिसका नाम युवा क्रांति रथ दिया गया है. जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी चरम पर है और सरकार इस मुद्दे पर बात करने के लिए भी तैयार नहीं है. ऐसे में गैर जिम्मेदार सरकार के खिलाफ लोगों को एकजुट करना है. देश में बेरोजगारी बड़ी समस्या बनकर उभरी है और समाधान के उपाय नहीं किए जा रहे हैं. हमारा दायित्व है कि हम सरकार को आगाह करें और लोगों को बताएं कि डेढ़ दशक में बिहार में बेरोजगारी कितनी बढ़ी है.
वहीँ इस यात्रा को लेकर तेजस्वी की हाईटेक बस की तस्वीर सोशल मीडिया में आने के बाद राजद कार्यकर्ताओं के जोश में इजाफा हुआ है. कार्यकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि एक बार फिर चुनाव से पहले तेजस्वी का गांव-गांव घूमना कार्यकर्ताओं में जोश भर देगा. वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी के इस प्लान का असर भी सत्ता पक्ष में दिखना शुरू हो गया है. सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर बैकफूट पर जाने से बचाने के लिए बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक निवेशकों को मनाने में लग गये हैं. अब जब चुनाव के कुछ ही महीने बचे हुए हैं ऐसे में उद्योग मंत्री की तरफ से दावा किया जा रहा है कि बिहार में बड़ा निवेश होने जा रहा है. उद्योग मंत्री श्याम रजक लगातार सूबे में उद्योगपतियों को लाने के लिए कोशिशों में जुटे हैं. इधर शुक्रवार को श्याम रजक ने उद्योगपतियों के साथ बैठक कर बिहार में लगभग 4600 करोड़ रुपये के निवेश पर बात की.
शुक्रवार को आईटीसी लिमिटेड के प्रोजेक्ट हेड चितरंजन धार और अन्य दूसरी बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मंत्री श्याम रजक के साथ बैठक की. इस दौरान आईटीसी ने बिहार में 1200 करोड़ की लागत से फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना मुजफ्फरपुर के मोतीपुर की जमीन पर करने की बात कही. सूत्रों की मानें तो बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि इसका काम चुनाव से पहले शुरू कर लिया जाय ताकि रोजगार की कमी जैसे मुद्दों पर सरकार चुनाव में अपना पक्ष रख सकें. उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो सकता है. इसके साथ ही श्री सीमेंट, जेके लक्ष्मी सीमेंट, श्याम मेटल और प्रिंस पाइप जैसी कंपनियों ने बिहार में कुल 4800 करोड़ की लागत से विभिन्न उद्योग स्थापित करने की बात कही है.
अब देखना दिलचस्प होगा कि तेजस्वी की बेरोजगारी हटाओ यात्रा से सहमी सरकार आनन-फानन में क्या कुछ फैसले लेती है साथ ही यह भी देखना दिलचस्प होगा कि तेजस्वी यादव बेरोजगारी हटाओ यात्रा के जरिये बिहार के युवाओं को कैसे एकजुट करते हैं. लेकिन इन सब के परे बात कि जाय मुद्दों कि तो शायद बिहार विधानसभा का आगामी चुनाव बिहार का पहला ऐसे चुनाव होगा जिसमें बेरोजगारी का मुद्दा जमकर शोर करेगा.