हरियाणा से बिहार और मध्य प्रदेश के लिए आज रवाना होंगी तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेन

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हरियाणा से तीन और श्रमिक रेलगाड़ियां गुरुवार को लगभग तीन हजार श्रमिकों को लेकर अम्बाला से बिहार के कटिहार, हिसार से मुजफ्फरपुर, बिहार और रेवाड़ी से मध्य प्रदेश के सागर के लिए रवाना होंगी। हिसार से 1205 श्रमिकों को लेकर एक विशेष रेलगाड़ी बुधवार को बिहार के कटिहार के लिए रवाना हुई थी। हरियाणा में मेहनत-मजदूरी करने वाले ये श्रमिक लॉकडाउन के कारण फंसे हुए थे और अपने राज्य के लिए वापसी का इंतजार कर रहे थे।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) अनिल राव के अनुसार, गुरुवार को चलने वाली ट्रेनों के लिए चिन्हित किए गए लगभग 3600 प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार द्वारा स्थापित शेल्टर होम में ठहरा दिया गया है और जिला प्रशासन द्वारा उनके भोजन, ठहरने और चिकित्सा जांच के सभी प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए लगने वाला रेल का किराया राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया है।

उन्होंने बताया कि शेल्टर होम्स, स्टेशन प्लैटफॉर्मों पर और ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान दिया जा रहा है और प्रति ट्रेन 1200 मजदूरों को भेजा जा रहा है। यात्रा के दौरान उन्हें भोजन के पैकेट और चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई गई है।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉल से प्रवासी श्रमिकों से की बातचीत

राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रवासी श्रमिकों को वापस भेजने के लिए विशेष रूप से श्रमिक रेलगाड़ियां चलाने की व्यवस्था की है और वह स्वयं इस व्यवस्था पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखे हुए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉल के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों से बातचीत करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपने सम्बंधों के बारे में अवगत कराया और कहा कि नीतीश बाबू को हमारा राम-राम कहिएगा। उन्होंने श्रमिकों से ट्रेन में सवार होने से पहले उनका कुशलक्षेम पूछा तथा इंतजामों के बारे में फीडबैक लिया ताकि कहीं कोई खामी न हो। इस दौरान श्रमिकों ने उन्हें बताया कि राज्य सरकार द्वारा स्थापित विभिन्न आश्रय गृहों में भोजन और आवास की बेहतर व्यवस्था की गई है और यात्रा से पहले उनकी चिकित्सा जांच भी की गई है।

बिहार के मधेपुरा के रहने वाले अंकेश कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार से लॉकडाउन के दौरान बड़ी मदद मिली है, लेकिन वह अपने घर की कमी महसूस कर रहा था। अपनी वापसी पर खुशी व्यक्त करते हुए अंकेश ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा उनके परिवार को भी उनकी घर वापसी के बारे में बता दिया गया है। दो अन्य प्रवासी खेतिहर श्रमिक मजदूरों, प्रकाश मंडल और पवन कुमार, जो मधेपुरा के निवासी हैं, उन्होंने कहा कि ट्रेन से उनके घर तक पहुंचने का किराया 600 रुपये से अधिक है और फिलहाल उनके पास इतना पैसा भी नहीं था, लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा की गई व्यवस्था के कारण, अब वे एक भी रुपया खर्च किए बिना सुरक्षित घर लौट सकेंगे।

कटिहार निवासी एक अन्य श्रमिक मक्खन ने कहा कि उसे और उसके 26 साथियों को भोजन और चिकित्सा सहायता जैसी सभी सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन फिर भी उसका अपने परिवार से मिलने का मन हो रहा था। जब उसे इस बात का पता चला कि हरियाणा सरकार फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को घर लौटने में मदद कर रही है तो उसके मन में आशा की एक किरण जगी। स्वास्थ्य जांच और अन्य औपचारिकताओं के बाद, उसे बस से हिसार लाया गया, जहां पहले से ही उनके ठहरने और जाने की व्यवस्था की गई थी।