नई दिल्ली: जमात-ए-इस्लामी हिन्द की दिल्ली प्रदेश यूनिट ने अपने कार्यकर्तों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, इस्लामी अध्ययन संस्थान ( इस्लामी एकेडमी ) अबू अल-फ़ज़ल एन्क्लेव, ओखला में किया। इस कार्यशाला में जमाअत के नई मीक़ात ( सत्र 2019 से 2023 ) के पॉलिसी प्रोग्राम पर चर्चा की गई। कार्यशाला, सुबह 10 बजे से शाम तक आयोजित की गई ,जिसमे दिल्ली के विभिन्न स्थानों से आये हए स्थानीय व जिला के ज़िम्मेदार और विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत डिप्टी अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद श्री एस अमीन-उल-हसन द्वारा कुरान के तिलावत से हुई। कुरान की रोशनी में, उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत आत्मशुध्दि शुद्धि, उच्च नैतिकता और मज़बूत चरित्र को बढ़ावा देने और नैतिक शिक्षा और न्याय की स्थापना के लिएकठोर परिश्रम पर जोर दिया।
जमात-ए-इस्लामी, दिल्ली के अमीर, श्री अब्दुल अब्दुल वहीद साहिब ने अपनी आरंभिक भाषण में, कार्यक्रम के उद्देश्यों को स्पष्ट किया और कहा कि नया सत्र 2019-2023 में राष्ट्र को नए संकल्प और उत्साह के साथ समाज में भलाई और अम्न व इंसाफ की कोशिश करना हम सब की ज़िम्मेदारी है। विशेष रूप से मुस्लिम समाज के अंदर से भय, हतोत्साहन और नकारात्मकता को निकाल कर उन्हें इंसाफ की स्थापना के लिए मज़बूती से खड़े होने के लिए उनका मार्गदर्शन करना अनिवार्य है। युवाओं के भीतर उच्च नैतिकता और साहस पैदा करना और उन्हें रचनात्मक संघर्ष के लिए तैयार करना आवश्यक है।
केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड, जमाअत इस्लामिक हिन्द के अध्यक्ष श्री नुसरत अली साहब ने जमाअत के संविधान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए तहरीक-ए-इस्लामी के इतिहास पर प्रकाश डाला। जमाअत ए इस्लामी दिल्ली प्रदेश सचिव, श्री आसिफ इकबाल, ने मीकात के कार्यक्रम का विस्तार से बताया और विभिन्न विभागों के लक्ष्यों के मद्देनजर उनकी गतिविधियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि इस अवधि में राज्य के सभी लोगों को तहरीक-ए-इस्लामी का परिचय कराने और उद्देश्यों को बताने का प्रयास होगा।शिक्षा,इस्लाम की दावत, राष्ट्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों, युवाओं और महिलाओं में काम और समाज के दबे कुचले तमाम लोगों के बीच काम को मज़बूत किया जायेगा।
देश का सबसे बड़ा छात्रसंगठन है एसआईओ
देश में तहरीक-ए-इस्लामी के अनुषंगी संगठनों का विस्तृत परिचय देते हुए, जमात-ए-इस्लामी हिन्द के महासचिव टी. आरिफ़ अली ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी हिन्द राष्ट्र के सभी क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सक्रिय है। छात्र संगठन SIO देश का बड़ा छात्र संगठन है जो शिक्षा, कैंपस और छात्र समुदाय में लगातार काम कर रहा है। इसी तरह, मानव अधिकार और नागरिक अधिकारों के लिए APCR सक्रिय हैं। कई राज्यों में युवा संगठन हैं। सोशल सर्विस के लिए ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन देश के हर कोने में सार्वजनिक सेवा का काम कर रहा है।
कार्यशाला के अंत में सभा को संबोधित करते हुए, अमीर, जमाअत ए इस्लामी हिन्द, सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि आज ऐसा लगता है कि स्थिति बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण है, लेकिन तथ्य यह है कि ऐसी कठिन और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में ही इस्लाम के पैग़ाम को आम किया गया और समाज में भलाई और न्याय की स्थापना की कोशिशें की गईं। कठिन परिस्थितियों में ही नए अवसर उभरते हैं, कठिनाई के साथ सहजता है। दुनिया में,जब जब भी वैचारिक हमले होते हैं तो इसी समय नए वैचारिक अवसर भी पैदा होता है। हर कठिन दौर में इस्लाम की शिक्षाओं ने मानव को भलाईयों की तरफ मार्गदर्शन किया है। न्याय, समानता, अपनत्व और उच्च नैतिकता के बल पर ही इस्लाम का पैग़ाम आम हुआ है। हमें सब्र के साथ समाज के नव निर्माण के लिए निरंतर प्रयास करते रहना है।