सीबीआई के एक अधिकारी ने बोला था कि ‘नो डीएनए, नो डीएनए, फर्स्ट यू कंफर्म मी दैट नवरूना इज डेड ऑर अलाइव। हालांकि, हमलोगों ने डीएनए के लिए ब्लड सैंपल दे दिया। यही हमलोगों से गड़बड़ी हुई। सफेदपोशों ने मिलकर इस केस को बर्बाद कर दिया। ये बातें नवरूना के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने बुधवार को जवाहरलाल रोड स्थित अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से कहीं। शहर में सीबीआई की ओर से इश्तेहार चिपकाए जाने के बाद वे अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि सीबीआई के तत्कालीन एसपी राजीव रंजन के समक्ष 25 मार्च 2014 को एसकेएमसीएच में उनका व पत्नी का सीबीआई की टीम ने डीएनए जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया था। लेकिन अबतक इसकी रिपोर्ट नहीं दी। अतुल्य ने कहा कि उनके घर के बाहर नाले में मिला कंकाल नवरूना का है या नहीं, यह उन्हें नहीं पता। वह लगातार डीएनए रिपोर्ट के लिए सीबीआई को पत्र भी लिखते रहे हैं, पर सीबीआई की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। मालूम हो कि 26 नवंबर 2012 को नवरूना के घर के बाहर स्थित नाले की उड़ाही के दौरान मानव कंकाल मिला था।
सीबीआई केस बंद करने की तैयारी में : अतुल्य चक्रवर्ती ने कहा है कि सीबीआई इस केस को बंद करने की तैयारी में है। इसका अंदाज उनको पहले से था। न्याय के लिए बहुत इंतजार हो गया। सीबीआई से उम्मीद थी कि बेटी को न्याय मिलेगा, लेकिन उसकी इस कार्रवाई ने भरोसा ही तोड़ दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार है। यह आखिरी भरोसा है।
पूर्व के आईओ ने भी बिगाड़ दिया केस : अतुल्य ने कहा कि इस केस को सीबीआई के कुछ अफसरों ने बिगाड़ दिया है। केस की जांच सही दिशा में नहीं की। कहा कि पूर्व के आईओ ने किसी के प्रभाव में आकर जांच सही नहीं की। इससे केस कमजोर होता गया। इस संबंध में भी सीबीआई के अफसरों को पत्र भेजा गया है।
पार्षद समेत दर्जन भर को किया था गिरफ्तार
पांच साल में सीबीआई सौ से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। एक पार्षद समेत करीब दर्जन भर लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में लिया था। इसके बाद उनलोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की थी, लेकिन सीबीआई को विशेष सुराग नहीं मिल सका। जिन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, वर्तमान में सभी जमानत पर हैं।
21 नवंबर को अवधि होगी पूरी
नवरूना कांड को लेकर अभिषेक रंजन ने एक पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में दायर कर रखी है। इसकी सुनवाई भी सुप्रीम कोर्ट कर रही है। सीबीआई ने कोर्ट से कई बार जांच के लिए वक्त मांगा। इस बीच कोर्ट में चल रहे अवमानना वाद में अगस्त 2019 को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सीबीआइ को जांच पूरी करने के लिए तीन महीने का और वक्त दिया था। 21 नवंबर 2019 को यह अवधि पूरी हो रही है। इधर, अभिषेक रंजन ने कहा है कि वह सीबीआई की इस कार्रवाई से हैरान हैं। वह नवरूना को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ते भी रहेंगे। घटनाक्रम