रांची: एक बार फिर पत्थलगड़ी समर्थक एक्टिव होने लगे हैं. इसका समर्थन करने वाले खूंटी के 13 परिवारों ने अपना आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है और कहा कि हमलोगों को देश के कानून पर भरोसा नहीं है. सरकार के सिस्टम पर भरोसा नहीं है. इसलिए वह सरकार की सभी योजनाओं का बहिष्कार करते हैं. उनका भरोसा सिर्फ आदिवासी कानून पर है.
बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति सचिवालय के आदेश पर फाइल झारखंड मंत्रालय पहुंचा है. संबंधित विभाग के अधिकारी इस पर चर्चा कर रहे है कि आखिर कैसे इनलोगों को समझाया जाए. क्योंकि पत्थलगड़ी समर्थक सरकार को ही चुनौती देने लगते हैं.
खूंटी में एक्टिव है पत्थलगड़ी समर्थक बताया जा रहा है कि ये परिवार पत्थलगड़ी समर्थकों के बहकावे में आ गया है. जिससे यह नौबत आई है. बता दें कि खूंटी में पत्थलगड़ी समर्थकों एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं. इसके समर्थक खुद इस देश का नागरिक नहीं मानते हैं यहां तक की अलग देश बनाने की मांग भी करते हैं. खूंटी समर्थक और पुलिस कई बार आमने-सामने भी हो चुकी है. खूंटी के तत्कालीन सांसद करिया मुंडा के बॉडीगार्ड को भी पत्थलगड़ी समर्थक उठाकर ले गए थे. जिसको छुड़ाने में सरकार को पसीने छुट गए थे, लेकिन जेएमएम की सरकार बनते ही हेमंत सोरेन ने पत्थलगड़ी को लेकर दर्ज हजारों केस को वापस लेने का आदेश दे दिया.
मंगलवार को चाईबासा जिले में पत्थलगड़ी समर्थकों ने इसका विरोध करने पर 7 लोगों की हत्या कर दी थी. सभी का शव खोजने के लिए झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के हजारों जवानों को लगाया गया था. जिस जगह पर घटना हुई थी वह गांव चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ था. शव घटनास्थल से 3 किमी दूर बरामद हुआ था.