फीका पड़ने लगा है शाहीन बाग का प्रदर्शन, दिन के वक्त नहीं जुट रही भीड़

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शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में पिछले 84 दिनों से चल रहा प्रदर्शन अब फीका पड़ने लगा है। धरना स्थल पर दिन में अब पहले जितनी भीड़ नहीं जुट रही है। स्थानीय लोग इसके पीछे अलग-अलग कारण बता रहे हैं।

शाहीन बाग में धरनास्थल पर दिन के समय काफी कम लोग नजर आ रहे हैं, लेकिन शाम होने के साथ ही यहां भीड़ बढ़ने लगती है। शुक्रवार (6 मार्च) को दोपहर के समय धरनास्थल पर कोई 70-80 लोग ही नजर आए, जबकि कुछ दिन पहले तक इसी समय यहां 500 से 600 लोगों की भीड़ देखने को मिलती थी। कई बार तो धरनास्थल हजारों की भीड़ से गुलजार रहता था। बाहर से भी लोग समर्थन जताने के लिए यहां पहुंचते थे।

इस संबंध में प्रदर्शनकारी महिलाओं से आईएएनएस ने बात की। एक महिला ने कहा कि बच्चों के पेपर हैं। वहीं एक अन्य महिला का कहना है कि कई लोग बीमार पड़ गए हैं, जिसकी वजह से कुछ महिलाएं यहां पूरा दिन मौजूदगी दर्ज नहीं करा पातीं और वे कुछ वक्त निकालकर शाम के समय ही पहुंच पा रही हैं।

कुछ लोगों को यहां यह भी कहना है कि प्रदर्शन स्थल पर अब लोग थकने लगे हैं, जिसकी वजह से जितने भी पुराने लोग यहां आकर विरोध प्रदर्शन करते थे, वे सभी अब नजर नहीं आते। जाहिर-सी बात है कि शाहीन बाग के अंदर कई गुट बन गए हैं, जिनके बीच प्रदर्शन की अगुवाई को लेकर विवाद है। लोगों में यह होड़ है कि इस प्रदर्शन की अगुवाई कौन करेगा। कई बार यह भी देखा गया है कि यहां महिलाओं व पुरुषों के विचार नहीं मिलते, जिसकी वजह से भी आपसी मतभेद देखने को मिलता है।