दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके के मरकज में शामिल जिन लोगों को कोरोना जांच के लिए अस्पताल भेजा गया था, उनमें से कुल 24 के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वहीं, मरकज में शामिल तेलंगाना के 6 लोगों की मौत हो चुकी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी है। 200 संदिग्ध लोगों में से जिन 24 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनमें से 6 की जांच रिपोर्ट रविवार (29 मार्च) और 18 लोगों की रिपोर्ट सोमवार (30 मार्च) को आई।
निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज में दस से अधिक देशों के नागरिकों समेत 200 लोगों को दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में जांच के लिए ले जाया गया था। जिन लोगों को जांच के लिए ले जाया गया है, उनमें बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, इंग्लैंड और चीन के करीब 100 विदेशी नागरिक शामिल हैं।
#COVID19 has spread among some of those who attended a religious prayer meeting from 13th to 15th March at Markaz in the Nizamuddin area of Delhi. Among those, who attended were some persons from Telangana. Of them, six died: Telangana Chief Minister's Office pic.twitter.com/zWMUcFocgN
— ANI (@ANI) March 30, 2020
Six people from Telangana who attended a religious congregation at Markaz in Nizamuddin area of New Delhi from 13-15 March succumbed after they contracted #Coronavirus. Two died in Gandhi Hospital while one each died in Apollo Hospital, Global Hospital, Nizamabad and Gadwal
— Telangana CMO (@TelanganaCMO) March 30, 2020
तेलंगाना सीएमओ की तरफ से आगे कहा गया है कि जो भी लोग दिल्ली में मरकज में गए उन्हें दिल्ली अथॉरिटीज को सूचित करना चाहिए। सरकार उनका फ्री में जांच और इलाज कराएगी। किसी को भी इस बारे में कोई सूचना है तो वे सरकार को जरूर बताएं
मरकज में 2000 से ज्यादा लोग शामिल थे
दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम इलाके में एक से 15 मार्च के बीच तबलीग-ए-जमात के इज्तिमे (मजहबी मकसद से एक खास जगह जमा होना) में दो हजार से ज्यादा लोगों ने शिरकत की थी। इनमें इंडोनेशिया और मलेशिया के लोग भी शामिल थे। अधिकारियों ने सोमवार (30 मार्च) को बताया कि कुछ लोगों के कोरोना वायरस से संपर्क में आने की आशंका के बाद इलाके को सील कर दिया गया है।
200 लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए
उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों में बीमारी के लक्षण दिखने की रिपोर्टों के बाद दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अफसरों और मेडिकल टीमें रविवार (29 मार्च) रात इलाके में गई थी। कम से कम 200 लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट मंगलवार (31 मार्च) तक आने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ की मेडिकल टीमें लोगों की जांच कर रही हैं और उन्हें पृथक रखने के लिए निर्धारित अस्पतालों में भेज रही हैं।
भारत के 600 लोगों ने लिया था हिस्सा
पिछले हफ्ते श्रीनगर में करीब 60 वर्षीय व्यक्ति की संक्रमण से मौत होने के बाद फिक्र होना शुरू हुई। इस शख्स ने इज्तिमे में शिरकत की थी। अधिकारियों के मुताबिक, संगठन के मुख्यालय में बड़ी सभा के बाद छोटी-छोटी मंडलियों में भी लोग बैठते हैं। संगठन का मुख्यालय निजामुद्दीन थाने के बराबर में है और ख्वाजा मुईनुद्दीन औलिया की दरगाह के पास है। इस इज्तिमे में सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया सहित कई देशों के प्रचारकों ने हिस्सा लिया। भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए करीब 600 लोगों ने भी इसमें हिस्सा लिया।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नागरिक तो ट्रेनों और उड़ानों के जरिए वापस चले गए। देश के कई हिस्सों में सामने आए कुछ मामलों के संपर्क खंगाले गए तो उनका संबंध इस इज्तिमे से निकाला। लोगों को पृथक केंद्र में भेजने के लिए बसों को तैयार रखा गया है। इज्तिमे में शिरकत करने वालों के लिए रहने की व्यवस्था जिन हॉस्टलों की जाती थी, उन्हें भी सील कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च को देशव्यापी बंद का ऐलान किया था। दिल्ली पुलिस इलाके में नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है।
निजामुद्दीन इलाके की घेराबंदी, ड्रोन से निगरानी
दिल्ली पुलिस ने कुछ दिन पहले आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद सोमवार (30 मार्च) को निजामुद्दीन में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्राधिकारियों की अनुमति के बिना एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें करीब 200 लोग शामिल हुए थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन किया गया था, तो हमने उन्हें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के तहत निषेधाज्ञा और लगायी गई पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया।”
इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगा दी थी। साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए बुधवार (24 मार्च) आधी रात से 21 दिन के लिए लोगों के आवागमन पर देशव्यापी रोक लगायी गई थी। पुलिस किसी भी उल्लंघन की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही है।