आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक केमिकल फैक्टरी में गैस रिसाव से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। जब यह घटना घटी उस समय चारों तरफ तबाही का मंजर था। लोग बदहवास होकर इधर से उधर भाग रहे थे। इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि वहां एनडीआरएफ के सीबीआरएन (रसायन, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु) विशेषज्ञों की एक टीम और मेडिकल विशेषज्ञ भेजी जा रही है।
वहीं, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। गैस कांड के चलते जिन लोगों का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है उन सभी लोगों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे।
आइए 10 प्वाइंट्स में जानते हैं विशाखापट्टनम गैस लीक हादसा:
1. आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के एक रसायन संयंत्र में जहरीली गैस रिसाव की घटना हुई। गैस रिसाव की सूचना पाकर एंबुलेंस, फायर टेंडर की गाड़ियां और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। राहत और बचाव के लिए आपदा प्रबंधन की टीम को भी लगाया गया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव के लिए अभियान चलाया। इसके बाद गैस रिसाव को काबू कर लिया गया।
2. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को विशाखापट्टनम गैस लीक कांड में मारे गए नौ लोगों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा किंग जॉर्ज अस्पताल में पीड़ितों से मिलने के बाद की। गैस कांड के चलते जिन लोगों का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है उन सभी लोगों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे।
3. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों से बात कर विशाखापतनम गैस रिसाव की घटना की जानकारी ली है और प्रभावित क्षेत्र के सभी लोगों की सुरक्षा और कुशलता की कामना की है। उन्होंने इस बारे में आपदा प्रबंधन अधिकारियों की एक बैठक भी बुलाई।
4. राज्य पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दामोदर गौतम सवांग ने कहा कि सुबह साढ़े पांच बजे तक स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद 800 लोगों को घटनास्थल के आस-पास के इलाकों से बचाकर निकाला गया तथा उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
5. जिस संयंत्र में यह हादसा हुआ वह देशव्यापी लॉकडाउन के कारण 24 मार्च से ही बंद था तथा इसे बुधवार को ही दोबारा खोला गया था। संयंत्र से निकली जहरीली गैस से तीन किलोमीटर की परिधि में कम से कम पांच गांवों को प्रभावित किया है। इन गांवों की जनसंख्या 15 हजार से अधिक बतायी जाती है।
6. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गैस रिसाव के कारण लोगों की मौत को बेचैन करने वाली घटना करार देते हुए कहा है कि गृह मंत्रालय इस पर निरंतर नजर रखे हुए है और उन्होंने स्वयं भी इस बारे में अधिकारियों से बात की है।
7. किंग जॉर्ज अस्पताल (केजीएच) में इलाज करवा रही एक महिला ने कहा, “किसी को नहीं पता था कि क्या हो रहा है और सभी खुद को बचाने के लिए भाग रहे थे।” केजीएच में ही ज्यादातर गैस पीड़ितों को इलाज के लिए लाया गया था। महिला ने कहा कि वह और उसके बच्चे जग गए थे, क्योंकि उन्हें सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही थी। “वहां भ्रम की स्थिति थी। हमने लोगों को भागते हुए देखा फिर हम भी भागने लगे।” महिला इस भगदड़ में अपने दो बच्चों से अलग हो गई थी।
8. मुख्यमंत्री ने कहा कि गैस लीक घटना की जांच के लिए पयार्वरण एवं वन विभाग के विशेष मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस समिति में विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त और अन्य लोगों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।
9. इजराइल ने विशाखापट्टनम में हुए गैस रिसाव के पीड़ितों के परिवारों के प्रति बृहस्पतिवार को गहरी सहानुभूतति जताई और प्रभावितों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल कात्ज ने एक ट्वीट में कहा, ‘विशाखापट्टनम में हुए गैस रिसाव के पीडि़तों के परिवारों के प्रति मेरी सहानुभूति है। मैं इसके प्रभावितों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’
10. सूत्रों के मुताबिक संयंत्र से तीन किलोमीटर के दायरे में जहरीली गैस के फैल जाने से आर आर वेंकटपुरम, पदमापुरम, बी सी कॉलोनी और कमपारापलेम सहित पांच गांव प्रभावित हुए हैं। जहरीली गैस से प्रभावित गांवों को खाली करा लिया गया है। गैस संयंत्र के आसपास के सैंकड़ों लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ, सिर दर्द और उल्टी होने पर अस्पताल पहुंचाया गया। जहरीली गैस के संपर्क में आने से कई गाय, कुत्ते और अन्य जानवारों की भी मौत हो गई हैं।