कोरोना संक्रमण के कारण देश में लॉकडाउन का चौथा चरम जारी है। इस बीच सरकार देश की रुकी हुई गति को धीरे-धीरे रफ्तार देने में जुटी हुई है। लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने रेलवे के बाद अब डोमेस्टिक फ्लाइट सर्विस शुरू करने का फैसला किया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात की जानकारी दी है। देश के सभी हवाईअड्डों और डोमेस्टिक एयरलाइंस को 25 मई से पहले सभी तैयारी पूरी कर लेने के लिए कहा गया है।
आपको बता दें कि इससे पहले सरकार ने ट्रेन चलाने का फैसला लिया था। पहले एसी ट्रेन चलाए गए। अब रेलवे ने नॉन एसी ट्रेन चलाने का भी फैसला किया है।
Domestic civil aviation operations will recommence in a calibrated manner from Monday 25th May 2020.
All airports & air carriers are being informed to be ready for operations from 25th May.
SOPs for passenger movement are also being separately issued by @MoCA_GoI.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 20, 2020
रेल की तरह हवाई जहाज की यात्रा करते समय भी सोशल डिस्टेंसिंग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइंस का पूरा ख्याल रखा जाएगा। जल्द ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से विस्तार से इसकी जानकारी दी जाएगी। हालांकि अभी आंशिक रूप से ही फ्लाइट सर्विस शुरू की जाएगी।
केंद्र सरकार का नए हवाई रूट खोलने का फैसला
इससे पहले केंद्र सरकार के नए हवाई रूट खोलने के फैसला लिया था। इससे आने वाले दिनों में हवाई सफर के समय में 20-25 फीसदी का समय बच जाया करेगा। देश के भीतर उड़ान के रूटों के साथ साथ विदेशी रूटों पर भी अगर सरकार दूसरे देशों से बातचीत करे तो उड़ान का समय घटाया जा सकता है। पेशे से पायलट और विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञ अरविंद सिंह ने हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया था कि मौजूदा दौर में दिल्ली से तकरीबन सभी बड़े शहरों की उड़ान के लिए कई इलाकों से घूमकर जाना होता है।
उनके मुताबिक दिल्ली से मुंबई जाने में दो से दो घंटे दस मिनट का समय लगता था। और अगर अब सीधा रास्ता दिया जाएगा तो हम एक घंटे 35 मिनट में पहुंच जाएंगे। यही हाल दिल्ली से कोलकाता और चेन्नई के बीच में भी समय की बचत देखने को मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बारे में उन्होंने बताया कि दिल्ली से बैंकॉक के बीच का सफर चार घंटे का होता है अब यह साढ़े तीन घंटे में तय किया जा सकता है। साथ ही दिल्ली से लंदन के बीच भी अगर सरकार इस रूट के बीच आने वाले देशों से बातचीत करे तो तकरीबन दो घंटे की बचत की जा सकती है।