देश के 11 शहरों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को ही क्वारंटाइन कैम्प में रखा जाएगा। इन शहरों में सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरूग्राम (गुड़गांव), नोएडा, कोलकाता और बंगलूरू है। ये वैसे शहर है जहां अभी कोरोना का फैलाव अधिक है। वैसे जिलाधिकारी चाहें तो वे कुछ और शहरों को भी अपने हिसाब से जोड़ सकते हैं। देश के बाकी शहरों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को प्रखंड मुख्यालयों में रजिस्ट्रेशन करने के बाद घर भेज दिया जाएगा। सरकार के इस आदेश पर अविलंब अमल होगा।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने इस बाबत सभी डीएम और एसपी-एसएसपी को पत्र भेज दिया है। पत्र में कहा गया है कि 21 मई को मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई। इसमें रैंडम सैम्पल टेस्टिंग के आए परिणाम की समीक्षा की गई। पाया गया कि देश के कुछ ही शहर हैं जहां प्रवासी मजदूरों में कोरोना पॉजिटिव का मामला सामने आ रहा है। इसी के आलोक में तय हुआ है कि प्रवासी मजदूरों को दो श्रेणी में बांटा जाए।
श्रेणी एक में मुंबई, दिल्ली सहित देश के 11 संवेदनशील शहरों को शामिल किया गया है। इन शहरों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन कैम्पों में रखा जाएगा। अगर प्रखंड में जगह की कमी हुई तो मुख्यालय से सटे पंचायत के भवनों में 14 दिनों तक क्वारंटाइन कैम्प में रखा जाएगा। 14 दिन के बाद अगर उनमें कोरोना का लक्षण नहीं पाया गया तो उन्हें घर जाने दिया जाएगा। लेकिन वे अगले सात दिनों तक होम क्वारंटाइन में ही रहेंगे। अगर किसी में कोरोना का लक्षण पाया गया तो वैसे प्रवासियों का उपचार किया जाएगा। कैम्प में रखने के दौरान प्रवासियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
वहीं श्रेणी दो में उपरोक्त 11 शहरों को छोड़ देश के बाकी शहरों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को रखा गया है। इन शहरों से आने वाले प्रवासियों का प्रखंड मुख्यालय में पंजीकरण होगा। बैंक खाता, आधार संख्या सहित पूरी जानकारी ली जाएगी ताकि उन्हें सरकार की ओर से दी जाने वाली रेल किराया और 500 रुपए अतिरिक्त राशि या कम से कम 1000 रुपए दी जा सके। लेकिन पंजीकरण के दौरान की जाने वाली स्क्रीनिंग में अगर किसी में भी कोरोना का लक्षण पाया गया तो स्क्रीनिंग के दौरान ही रोक लिया जाएगा।
घर भेजते समय प्रवासियों को खुद ही शपथ पत्र भरकर देना होगा कि वे होम क्वारंटाइन में रहेंगे। उपरोक्त 11 शहरों के साथ देश के बाकी शहरों से आए प्रवासी मजदूर एक साथ रह रहे हैं तो उन्हें भी 14 दिनों तक कैम्प में रखा जाएगा। घरों में रहने के दौरान प्रवासी मजदूरों की घर-घर जा कर कैसे निगरानी और स्वास्थ्य परीक्षण हो, इस पर स्वास्थ्य विभाग अलग से दिशा-निर्देश जारी करेगा।
Bihar: Migrants returning to the state from Surat, Ahmedabad, Mumbai, Pune, Delhi, Ghaziabad, Faridabad, Gurugram, Noida, Kolkata & Bangalore to be kept in quarantine camps. People returning from other places to be home quarantined if they don't show #COVID19 symptoms. pic.twitter.com/OCS8IuqxYQ
— ANI (@ANI) May 23, 2020
विलेज क्वारंटाइन सेंटर
देश के अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों को विलेज क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। यहां उन्हें रखकर उनकी निगरानी कराई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि कम प्रभावित जिलों से आने वालों में संक्रमण का खतरा थोड़ा कम होता है। इस कारण से उन्हें यहां रखा जाएगा।
सबसे खतरनाक दिल्ली, मुंबई और गुजरात से आने वाले हैं। श्रेणी में बांटकर क्वॉरेंटाइन करने की तैयारी की जा रही है। इससे काफी राहत होगी, क्योंकि निगरानी आसानी से हो जाएगी।