2300 रुपये से ज्यादा तक कम होगी आपकी EMI, नए ग्राहकों को तुरंत मिलेगा फायदा

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केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा समिति ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती करने का एलान शुक्रवार को कर दिया है। अब इस कटौती का फायदा बैंकों को ग्राहकों को देना होगा।अगर बैंक ब्याज दरों में एक फीसदी की कटौती भी करते हैं तो फिर हर माह होम लोन लेने वाले ग्राहकों को 2300 रुपये से ज्यादा का फायदा होगा। वैसे भी मौजूदा ग्राहकों को इसका फायदा अगले महीने से मिलने लगेगा, क्योंकि आरबीआई ने एक अक्तूबर से सभी तरह के लोन को रेपो रेट से लिंक करने का सर्कुलर जारी कर दिया था।  

15 साल के लिए 40 लाख के लोन पर इतनी कम होगी ईएमआई

लोन राशि समय अवधि  ब्याज दर(पहले)    ईएमआई (पहले)ब्याज दर(बाद में) ईएमआई  (बाद में)
 40 लाख रुपये15 साल9.25 फीसदी41,168 रुपये8.25 फीसदी 38,806 रुपये
      
      
फायदा (प्रति माह)2362 रुपये    
कुल राशि का फायदा (15 साल में)4.25 लाख रुपये    

रियल एस्टेट सेक्टर में आएगी जान

आरबीआई के इस तोहफे से रियल एस्टेट सेक्टर कोउम्मीद है कि इससे फेस्टिव सीजन में लोग ज्यादा से ज्यादा फ्लैट को बुक करेंगे। लोन की ईएमआई कम होने से मार्केट में पहले से पड़ी अनसोल्ड इंवेट्री को बेचने में भी बिल्डरों को मदद मिलेगी। एनारॉक प्रॉपर्टी के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि इसका फायदा देश भर के रियल एस्टेट कंपनियों को होने की उम्मीद है। लेकिन देखना होगा कि बैंक इस रेपो रेट की कटौती के बाद कितना फायदा ग्राहकों को देते हैं। हालांकि अभी तक केवल एसबीआई ने ही एक अक्तूबर से अपने ब्याज दर को रेपो रेट से लिंक कर दिया है। बाकी बैैंक फिलहाल एमसीएलआर पर ही ईएमआई चार्ज कर रहे थे। 

सभी लोगों को मिलेगा फायदा

आरबीआई ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि एक अक्तूबर से सभी तरह के पर्सनल, होम व अन्य तरह के रिटेल लोन और छोटे कारोबारियों को मिलने वाले लोन की दर एक्सटर्नल बेंचमार्क के तहत की जाएगी।  हालांकि पहले से चल रहे पुराने लोन जिनका ब्याज एमसीएलआर, बेस रेट या फिर बीपीएलआर से जुड़े हैं वो बाद में जुड़ सकेंगे। बैंक कोई भी तरह का बेंचमार्क चुनने के लिए स्वतंत्र रहेंगे।

चार तरह के हैं बेंचमार्क

आरबीआई ने चार तरह के बेंचमार्क तय किए हैं। पहला, आरबीआई रेपो रेट है। दूसरा, केंद सरकार की तीन साल की ट्रेजरी बिल यील्ड है। तीसरा, केंद्र सरकार द्वारा छह महीने की ट्रेजरी बिल है और चौथा एफबीआईएल द्वारा कोई अन्य बेंचमार्क रेट।  ज्यादातर सरकारी बैंकों ने होम, कार लोन आदि को आरबीआई के रेपो रेट से लिंक कर दिया है। अब देश में कार्यरत सभी निजी को भी इस आदेश का पालन करना पड़ेगा। इससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ने की संभावना है। लेकिन रेपो रेट के अलावा भी कुछ अन्य फैक्टर हैं, जिनका आपकी ईएमआई पर असर पड़ेगा। 

कब कम होगी ईएमआई

बैंक आरबीआई की मौद्रिक नीति आने के बाद वाले महीने से ब्याज दरों में बदलाव करेंगे। अगर रेपो रेट में आरबीआई कमी करता है तो फिर इसका फायदा अगले महीने से मिलेगा। हालांकि यह केवल उनके लिए होगा, जो नया लोन लेते हैं। पुराने ग्राहकों को कम से कम तीन महीने का इंतजार करना पड़ेगा। आरबीआई ने पुराने ग्राहकों के लिए कम से कम तीन महीने का रिसेट पीरियड करने का निर्देश दिया है। 

इस उदाहरण से समझे 

ऐसे में अगर किसी ग्राहक का लोन सितंबर में शुरू हुआ है और आरबीआई अक्तूबर में मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रेपो रेट में कमी करता है तो उस ग्राहक के लिए ब्याज दरों में कमी दिसंबर से होगी। जब भी रेपो रेट में कमी या फिर बढ़ोतरी होगी तो उसका फायदा हर तीन महीने के बाद ही मिलेगा।